ब्यूरो: प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक सुरेंद्र पंवार को अवैध खनन से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि इससे पहले इनेलो के विधायक दिलबाग सिंह की गिरफ्तारी हुई थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस नेता एवं हरियाणा के विधायक सुरेंद्र पंवार को ‘‘अवैध’’ खनन से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया है। पंवार (55) को गुरुग्राम से शनिवार तड़के हिरासत में लिया गया। उन्होंने बताया कि विधायक को अंबाला में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा, जहां केंद्रीय एजेंसी उन्हें हिरासत में भेजने का अनुरोध करेगी। एजेंसी ने राज्य के यमुनानगर क्षेत्र में ‘‘बड़े पैमाने पर अवैध खनन’’ के आरोप में पंवार से जुड़े परिसरों पर जनवरी में छापेमारी की थी।
इनेलो विधायक की हुई थी गिरफ्तारी
इसके बाद पुलिस ने इस मामले में यमुनानगर से इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह और उनके एक सहयोगी कुलविंदर सिंह को गिरफ्तार किया था। हरियाणा की 90 सीट के लिए विधानसभा चुनाव इस वर्ष के अंत में होने वाले हैं। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बाद भी यमुनानगर और इसके आसपास के जिलों में पत्थर, बजरी और रेत के कथित अवैध खनन को लेकर हरियाणा पुलिस की ओर से कई प्राथमिकी दर्ज की गई थीं। धन शोधन का यह मामला भी इसी से संबंधित है।
क्या है मामला?
केंद्रीय एजेंसी ‘ई-रवाना’ योजना में कथित धोखाधड़ी की भी जांच कर रही है। ‘ई-रवाना’ एक ऑनलाइन पोर्टल है, जिसे हरियाणा सरकार ने रॉयल्टी और कर संग्रह को आसान बनाने तथा खनन क्षेत्रों में कर चोरी को रोकने के लिए 2020 में शुरू किया था। ईडी के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया है कि कथित अवैध खनन के जरिये पिछले कुछ वर्षों में लगभग 400-500 करोड़ रुपये का अवैध धन अर्जित किया गया।
हरियाणा कांग्रेस MLA पर रेड के बाद ED का खुलासा, 32 बेनामी फ्लैट और जमीनें मिली 1.42 करोड़ जब्त
एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) की टीम ने हरियाणा के महेंद्रगढ़ के कांग्रेस MLA राव दान सिंह के बेटे और करीबियों के ठिकानों से 1.42 करोड़ का कैश जब्त किया है। इसके अलावा 32 बेनामी फ्लैट व जमीनें का भी ईडी को पता चला है। इसके अलावा कई लॉकर और ट्रस्ट के अलावा भी कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं। इस बारे में ED ने जानकारी दी कि उनकी गुरुग्राम टीम ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दिल्ली, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, झारखंड के जमशेदपुर में रेड की थी। जहां 16 ठिकानों पर जांच की गई। यह कार्रवाई एलाइड स्ट्रिप्स लिमिटेड (ASL), उसके प्रमोटर गौरव अग्रवाल, मोहिंदर अग्रवाल और उनसे जुड़े महेंद्रगढ़ के विधायक राव दान सिंह, उनके बेटे अक्षत सिंह व उनकी सनसिटी प्रोजेक्ट्स प्रा. लिमिटेड और अन्य पर की गई।
ED ने जानकारी दी कि CBI की दर्ज FIR के मामले में उन्होंने इसकी जांच शुरू की थी। CBI ने इनके खिलाफ हेराफेरी, रुपया डायवर्ट करने, गबन, विश्वासघात, जालसाजी और धोखाधड़ी कर कैनरा बैंक को 1392.84 करोड़ का नुकसान पहुंचाया था।
ED ने दावा किया कि जांच के दौरान पता चला कि उन्होंने अपने हिसाब-किताब में हेराफेरी की है। बैंक से लिए गए रुपयों को असुरक्षित कर्ज के रूप में दूसरी कंपनियों में ले जाया गया। फर्जी लेन-देन किया गया। इस रुपए का जमीन आदि खरीदने में लॉन्ग टर्म निवेश किया गया। राव दान सिंह व उनके परिवार ने ASL से कर्ज लिया लेकिन उसे फिर वापस नहीं किया। उसके बाद इसे माफ कर दिया गया।
सोनीपत से कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार के वकील ने मीडिया को जानकारी देते हुए पूरे केस के बारे बताया। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र पंवार के एक कंपनी में 32% के शेयर थे जो कि उन्होंने 2013 में पंवार ने इस कंपनी को छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि दिलबाग और अन्य को गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने कहा कि दिलबाग सिंह ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ अरेस्ट किया गया है जिसमे उनको बेल मिल गई थी। उन्होंने बताया कि सुरेंद्र पंवार ने कहा कि जिस कंपनी के मेरे पास शेयर थे उस कंपनी को में 2013 में छोड़ चुका था। उन्होंने बताया कि ईडी ने 14 दिनों का रिमांड माँगा था जिस पर पहले कोर्ट ने मामला सुरक्षित रखा था। लेकिन लंच के बाद कोर्ट ने 9 दिनों का रिमांड मंजूर किया है अब सुरेंद्र को 29 जुलाई तक ईडी की हिरासत मे रहेंगे।