Friday 22nd of November 2024

Haryana Assembly Election से पहले गुरमीत राम रहीम ने मांगी फिर 20 दिन की पैरोल

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Deepak Kumar  |  September 29th 2024 11:41 AM  |  Updated: September 29th 2024 11:41 AM

Haryana Assembly Election से पहले गुरमीत राम रहीम ने मांगी फिर 20 दिन की पैरोल

ब्यूरोः डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और बलात्कार के दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह ने एक बार फिर 20 दिन की अस्थायी पैरोल की मांग की है। यह अनुरोध 5 अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले किया गया है। दरअसल राम रहीम दो शिष्यों के बलात्कार के लिए 20 साल की सजा काट रहे हैं। बता दें इससे पहले उन्हें इस साल 13 अगस्त को 21 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया था। अधिकारियों द्वारा 21 दिन की पैरोल दिए जाने के बाद वह हरियाणा के रोहतक जिले की सुनारिया जेल से बाहर आए थे।

पहले मिली राम रहीम को पैरोल

9 अगस्त को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने एसजीपीसी की याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को अस्थायी रिहाई दिए जाने को चुनौती दी गई थी। न्यायालय ने कहा कि अस्थायी रिहाई की याचिका पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा बिना किसी "मनमानेपन या पक्षपात" के विचार किया जाना चाहिए। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी), जो गुरुद्वारा की सर्वोच्च संस्था है, ने राम रहीम की अस्थायी रिहाई के खिलाफ याचिका दायर की थी। 

एसजीपीसी ने यह भी तर्क दिया था कि डेरा प्रमुख हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों के लिए कई सजाएँ भुगत रहा है और अगर उसे रिहा किया जाता है, तो यह भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालेगा और सार्वजनिक व्यवस्था को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेगा। इस साल जून में राम रहीम ने उच्च न्यायालय का रुख किया था, जिसमें उसे 21 दिन की छुट्टी दिए जाने के निर्देश मांगे गए थे। 

29 फरवरी को उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार से कहा था कि वह डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को उसकी अनुमति के बिना आगे पैरोल न दे। राम रहीम अपनी दो शिष्याओं के साथ बलात्कार के मामले में 20 साल की सजा काट रहा है और रोहतक जिले की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 19 जनवरी को 50 दिन की पैरोल दी गई थी।

इस साल मई में उच्च न्यायालय ने राम रहीम और 4 अन्य को 2002 में संप्रदाय के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में "भ्रष्ट और संदिग्ध" जांच का हवाला देते हुए बरी कर दिया था। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने रंजीत सिंह की हत्या के करीब 20 साल पुराने मामले में पांचों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। राम रहीम को अपने सह-आरोपी के साथ आपराधिक साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था।

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