ब्यूरो: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर उन्हें नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने अभिनेत्री से नेता बनीं रनौत को 21 अगस्त तक याचिका पर जवाब देने का आदेश दिया है। याचिका में रनौत के निर्वाचन को इस आधार पर रद्द करने की मांग की गई है कि लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए निवासी के नामांकन पत्र कथित रूप से गलत तरीके से खारिज कर दिए गए थे।
रणौत ने मंडी लोकसभा सीट से अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह को 74,755 मतों से हराकर जीत हासिल की थी। उन्हें सिंह के 4,62,267 मतों के मुकाबले 5,37,002 मत मिले थे।
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न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल ने किन्नौर निवासी लायक राम नेगी की याचिका पर नोटिस जारी किया, जिन्होंने मंडी सीट के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था, लेकिन उनका नामांकन खारिज कर दिया गया था।
रनौत के चुनाव को रद्द करने की दलील देते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि उनके नामांकन पत्र को रिटर्निंग ऑफिसर (डिप्टी कमिश्नर, मंडी) ने गलत तरीके से खारिज कर दिया है, जिन्हें मामले में एक पक्ष भी बनाया गया है। वन विभाग के पूर्व कर्मचारी नेगी ने उल्लेख किया कि उन्होंने समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली और रिटर्निंग ऑफिसर को अपने नामांकन पत्रों के साथ विभाग से "अदेयता प्रमाण पत्र" प्रस्तुत किया।
हालांकि, उन्हें बिजली, पानी और टेलीफोन विभागों से "अदेयता प्रमाण पत्र" प्रदान करने के लिए एक दिन का समय दिया गया था। जब उन्होंने ये अतिरिक्त प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए, तो रिटर्निंग ऑफिसर ने उन्हें स्वीकार नहीं किया और उनके नामांकन पत्रों को खारिज कर दिया। नेगी ने दलील दी कि अगर उनके कागजात स्वीकार किए गए होते तो वे चुनाव जीत सकते थे और अनुरोध किया कि चुनाव को रद्द कर दिया जाए।