Lok Sabha Polls Results 2024: हिमाचल में चारों सीटों पर भाजपा की हैट्रिक, राजीव-कंगना पहली बार बने सांसद, अनुराग ठाकुर पांचवीं बार जीते
ब्यूरो (पराक्रम चंद, हि.प्र.): लोकसभा चुनाव में भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में 4-0 से जीत हासिल की है। भाजपा ने लगातार तीन बार हिमाचल प्रदेश में चारों सीटों पर जीत दर्ज कर हैट्रिक लगा ली है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी सरकार होते हुए भी एक भी सीट नहीं बचा पाई। लोकसभा सीट तो दूर 68 में से 61 विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवारों की लीड रही। कांग्रेस सिर्फ हिमाचल में हरोली, रोहड़ू, किन्नौर, जुब्बल कोटखाई किन्नौर, लाहौल स्पीति, रामपुर और आनी विधानसभा क्षेत्र में ही बढ़त ले पाई। यहां तक कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के हल्के नादौन से भी भाजपा को लीड मिली है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, राजस्व मंत्री जगत नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और सीपीएस मोहन लाल ब्रागटा ही सहित 7 क्षेत्र में ही कांग्रेस को बढ़त मिल पाई।
हिमाचल प्रदेश की लोकसभा सीटों का हाल
कांगड़ा संसदीय क्षेत्र- भाजपा उम्मीदवार डॉ. राजीव भारद्वाज को 632793 वोट मिले और कांग्रेस उम्मीदवार आनंद शर्मा को 380898 वोट मिले, जबकि 6372 ने नोटा का बटन दबाया। यहां पर राजीव भारद्वाज पहली बार सांसद बने हैं।
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र- भाजपा प्रत्याशी अनुराग ठाकुर को 607068 वोट मिले और कांग्रेस के सतपाल रायजादा को 424711 वोट मिले, जबकि 5178 लोगों ने नोटा का विकल्प चुना. वह पांचवीं बार संसद पहुंचे हैं।
मंडी संसदीय क्षेत्र- भाजपा प्रत्यशी कंगना रनौत 537022 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह को 462267 वोट प्राप्त हुए. इसके अतिरिक्त 5645 ने नोटा का विकल्प चुना। कंगना पहली बार संसद जाएंगी।
शिमला संसदीय क्षेत्र - भाजपा प्रत्यशी सुरेश कश्यप को 519748 वोट मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी को 428297 वोट मिले और 5930 ने नोटा का विकल्प चुना।
भाजपा का गिरा वोटबैंक प्रतिशत
बीजेपी ने लोकसभा की चारों पर जीत हासिल की है, लेकिन भाजपा के वोटबैंक में 6 प्रतिशत की गिरावट आई है। साल 2019 में बीजेपी को 69.11 प्रतिशत और कांग्रेस को मात्र 27.30 प्रतिशत वोट मिले थे। लेकिन इन चुनावों में बीजेपी को लगभग 56.29 प्रतिशत और कांग्रेस को 41.57 प्रतिशत वोट मिला है।
4 लोकसभा सीटों में क्लीन स्वीप के बाद भाजपा जहां गदगद है। बता दें कि भाजपा उम्मीदवार राजीव भारद्वाज और कंगना रनौत पहली बार सांसद बने हैं। वहीं, भाजपा प्रत्याशी अनुराग ठाकुर पांचवीं बार संसद पहुंचे हैं। वहीं, कांग्रेस पार्टी समझ नहीं पाई कि वह 4 उपचुनावों में मिली जीत का जश्न मनाएं या 4 लोकसभा सीटों में हार का मातम, भाजपा ने तो जीत के बाद हिमाचल में जीत का खूब जश्न मनाया भी, हालांकि उप चुनाव में भाजपा को मन मुताबिक परिणाम नही मिले। लेकिन कांग्रेस पार्टी भारी मन से मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर सिर्फ ढोल ही बजा पाई। उपचुनाव में भी कांग्रेस को ज्यादा खुश होने की जरूरत इसलिए नहीं, क्योंकि 6 सीट जो उनके पास थी उनमें कांग्रेस को 2 सीट का नुकसान हुआ है। जो सीट जीती भी उनका मार्जिन कम है। भले ही कांग्रेस की सुक्खू सरकार प्रदेश में बच गई है।
राम मंदिर का असर हिमाचल के लोकसभा चुनाव पर पड़ाः मुख्यमंत्री
सवाल तो सरकार की कार्यप्रणाली पर उठेंगे क्योंकि डेढ़ साल में ही सरकार का ग्राफ गिर गया। दस साल बाद जब कांग्रेस ने केंद्र में अपनी स्थिति सुधारी, ऐसे में भी कांग्रेस शासित राज्य हिमाचल एक भी सीट पार्टी को झोली में नहीं डाल पाया। जब देश में मोदी मैजिक नही चल पाया तो हिमाचल में क्यों चल गया। हालांकि मुख्यमंत्री ने ये कहा की हिमाचल हिंदू राज्य है और राम मंदिर का असर हिमाचल के लोकसभा चुनाव पर पड़ा। लेकिन उन्होंने शायद उस वक्त तक ये खबर नहीं देखी होगी कि अयोध्या में भी भाजपा का उम्मीदवार हार गया।
लोकसभा के आंकड़ों की देखकर तो यही लगता है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने सरकार बचाने पर ही अपना ध्यान केंद्रित किया जबकि लोकसभा को राम भरोसे छोड़ दिया। अब राम की आड़ लेकर हार से बचने का बहाना नहीं बना सकते। परिणामों के बाद भले ही सरकार बच गई है लेकीन कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई अभी दबी है कब भड़क जाए कुछ कह नहीं सकते।