ब्यूरो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए तीन नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। रेल मंत्रालय ने भारत की 'मेक इन इंडिया' और आत्मनिर्भर भारत पहलों के साथ तालमेल बिठाते हुए तेज़, अधिक आरामदायक यात्रा को बढ़ावा देने में इन ट्रेनों के महत्व पर प्रकाश डाला।
In a significant boost to rail travel, three new Vande Bharat trains are being flagged off. These will improve connectivity across various cities of Uttar Pradesh, Karnataka and Tamil Nadu.https://t.co/td9b8ZcAHC
— Narendra Modi (@narendramodi) August 31, 2024
वंदे भारत ट्रेनों का महत्व
'मेक इन इंडिया' पहल के तहत 15 फरवरी, 2019 को पहली बार शुरू की गई वंदे भारत एक्सप्रेस रेल यात्रा में विलासिता और गति का प्रतीक बन गई है। वर्तमान में, 100 से अधिक वंदे भारत सेवाएँ चालू हैं, जो देश भर के 280 से अधिक जिलों को जोड़ती हैं, जिससे लाखों लोगों के यात्रा अनुभव में महत्वपूर्ण बदलाव आया है।
नई ट्रेनों का क्षेत्रीय प्रभाव
मेरठ सिटी-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस: यह मेरठ को लखनऊ से जोड़ने वाली पहली वंदे भारत ट्रेन है। इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलने और राज्य की राजधानी से तेज़ कनेक्टिविटी के साथ स्थानीय उद्योगों को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
🚆✨ Inaugural #Journey! The much-awaited 02671 Madurai Jn – Bengaluru Cantonment #VandeBharat Special is all set to roll out on 31.08.2024#SouthernRailway pic.twitter.com/gSRFv6VGsg
— Southern Railway (@GMSRailway) August 30, 2024
मदुरै-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस: यह ट्रेन मंदिर शहर मदुरै को महानगरीय शहर बेंगलुरु से जोड़ेगी। यह तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच व्यापार, शिक्षा और काम से संबंधित आवागमन को सुविधाजनक बनाएगी।
चेन्नई एग्मोर-नागरकोइल वंदे भारत एक्सप्रेस: इस सुंदर क्षेत्र में पहली वंदे भारत सेवा को चिह्नित करते हुए, यह ट्रेन तमिलनाडु के 12 जिलों को जोड़ते हुए 726 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इससे तीर्थयात्रियों और स्थानीय निवासियों के लिए यात्रा में उल्लेखनीय सुधार होने की उम्मीद है।
विश्व स्तरीय सुविधाएँ
वंदे भारत ट्रेनें कवच तकनीक, घूमने वाली कुर्सियाँ, दिव्यांगजनों के अनुकूल शौचालय और एकीकृत ब्रेल साइनेज जैसी उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से सुसज्जित हैं, जो एक आधुनिक और समावेशी यात्रा अनुभव सुनिश्चित करती हैं।
पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देना
इन ट्रेनों के शुरू होने से न केवल कनेक्टिविटी में सुधार होने की उम्मीद है, बल्कि धार्मिक पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को भी बढ़ावा मिलेगा, खासकर मेरठ और नागरकोइल जैसे क्षेत्रों में, तेज़ और अधिक कुशल यात्रा विकल्प प्रदान करके।