ब्यूरोः विनेश फोगट शनिवार सुबह दिल्ली पहुंचीं, जहां आईजीआई एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में लोगों ने उनका स्वागत किया। ओलंपिक गेम्स 2024 के बाद पेरिस से लौटीं विनेश का किसी भी अन्य ओलंपिक पदक विजेता की तरह ही स्वागत किया गया।
The⭐wrestler who won a billion❤️hearts in Paris returns to the Homeland 🇮🇳. ✊🏻Wrestler @Phogat_Vinesh touched down in New Delhi earlier today, following a commendable performance at 🇫🇷 #ParisOlympics2024. Welcome back Vinesh!! 💪🏼💪🏼 pic.twitter.com/vM0SyWiv9o
— SAI Media (@Media_SAI) August 17, 2024
विनेश ने मैट पर और मैट के बाहर अपने मुकाबलों से असंख्य प्रशंसकों को प्रेरित किया है। वह ओलंपिक खेलों के सेमीफाइनल और फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं। विनेश भले ही ऐतिहासिक पदक जीतने से चूक गई हों, लेकिन उनके चैंपियन रवैये ने हर किसी को हरियाणा में जन्मी इस पहलवान का मुरीद बना दिया है।
Welcome home Champion ✌️#VineshPhogat pic.twitter.com/5rgNhIBZdX
— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) August 17, 2024
उनके भाई हरिंदर सिंह ने अपनी बहन के आगमन के बारे में मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, "देश के कुश्ती और खेल प्रेमी उनका स्वागत करने के लिए हवाई अड्डे पर पहुंच चुके हैं...सभी वर्गों के लोग उनका उत्साहवर्धन करने के लिए आगे आ रहे हैं। उनके पैतृक गांव में उनके स्वागत की तैयारियां चल रही हैं...वह पदक नहीं जीत सकीं, लेकिन हम कड़ी मेहनत करेंगे और निश्चित रूप से ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतेंगे।
इससे पहले विनेश फोगाट ने पेरिस ओलिंपिक से अयोग्य होने के बाद पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने 3 पेज का लेटर लिखकर कुश्ती में वापसी को लेकर अपनी शंकाएं व्यक्त कीं। अपने एक्स पोस्ट में विनेश ने बताया कि उन्होंने अपनी कुश्ती यात्रा कैसे शुरू की और यह भी साझा किया कि कैसे उन्होंने और उनकी टीम ने 7 अगस्त को अपने अंतिम मुकाबले से एक रात पहले समय के साथ संघर्ष किया। विनेश ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि कहने को बहुत कुछ है और बताने को बहुत कुछ है लेकिन शब्द कभी भी पर्याप्त नहीं होंगे और शायद मैं सही समय आने पर फिर से बोलूँगी। 6 अगस्त की रात और 7 अगस्त की सुबह मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि हमने हार नहीं मानी, हमारे प्रयास नहीं रुके, और हमने आत्मसमर्पण नहीं किया, लेकिन घड़ी रुक गई और समय सही नहीं रहा।
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) August 16, 2024
विनेश ने आगे लिखा कि मेरे साथ भी यही हुआ। मेरी टीम, मेरे साथी भारतीयों और मेरे परिवार को ऐसा लगता है कि जिस लक्ष्य के लिए हम काम कर रहे थे और जिसे हासिल करने की हमने योजना बनाई थी, वह अधूरा रह गया है, कि कुछ हमेशा कमी रह सकती है, और हो सकता है कि चीजें फिर कभी वैसी न हों। विनेश ने यह भी स्वीकार किया कि अगर परिस्थितियां अलग होतीं तो वह 2032 तक खेल सकती थीं। निराश पहलवान ने पत्र के अंत में कहा कि वह सही चीज़ के लिए लड़ती रहेंगी। उन्होंने लिखा कि शायद अलग परिस्थितियों में मैं खुद को 2032 तक खेलते हुए देख सकती थी, क्योंकि मेरे अंदर लड़ाई और कुश्ती हमेशा रहेगी। मैं यह अनुमान नहीं लगा सकती कि भविष्य में मेरे लिए क्या होगा और इस यात्रा में आगे क्या होगा, लेकिन मुझे यकीन है कि मैं हमेशा उस चीज के लिए लड़ती रहूंगी जिस पर मेरा विश्वास है और जो सही है उसके लिए लड़ती रहूंगी।