बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठकः आत्मचिंतन कितना हुआ-विपक्षी की चिंता कितनी हुई-किन मुद्दों पर चिंतन छूट गया
ब्यूरोः सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों में एनडीए को महज दो सीटें मिलीं, एक पर निर्दलीय तो विपक्षी इंडिया गठबंधन 11 सीटें जीतने में कामयाब रहा। शनिवार को आए ये नतीजे बीजेपी को यूपी में चार जून की याद दिला गए। जब ईवीएम से निकलते संदेश बीजेपी खेमे की मायूसी बढ़ाते जा रहे थे। यूपी में 62 सीटों के आंकड़े से सरककर महज 33 सीटों पर सिमटने वाली बीजेपी में इतनी बुरी तरह पिछड़ने के बाबत समीक्षा बैठकों व मंथन के दौर जारी हैं, इसी कड़ी में जिस सबसे बड़ी बैठक को लेकर सबकी निगाहें टिकी थी वह थी रविवार को आयोजित यूपी बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक।
राजनीतिक प्रस्ताव पारित कराने से लेकर विपक्षी नैरेटिव का जिक्र हुआ
रविवार को डा. राममनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के अंबेडकर सभागार में बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बड़ी बैठक हुई। जिसमें पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए तो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सहित बीजेपी संगठन के शीर्ष पदाधिकारी मौजूद रहे। एकदिवसीय बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पारित हुआ, आरक्षण को लेकर पार्टी की प्रतिबद्धता दोहराई गई। विपक्षी दलों खासतौर से कांग्रेस पर तीखे हमले किए गए, चुनाव के दौरान आरक्षण और संविधान के बाबत प्रचारित किए गए विपक्षी नैरेटिव का जिक्र करते हुए उसे हार की वजह बताने की कोशिश की गई।
विपक्ष द्वारा फैलाए गए भ्रम के साथ ही नड्डा ने कार्यकर्ताओं की अहमियत का जिक्र किया
अपने संबोधन में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रतिपक्ष के नेताओं का नाम लिए बिना उन्हें पढ़ा लिखा अनपढ़ बताते हुए निशाना साधा, दावा किया कि एक बार फिर से 2027 में भाजपा की सरकार बनेगी। जो भी लोग उछल-कूद करने का प्रयास कर रहे हैं दोबारा इनको मौका नहीं मिलने वाला है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए नड्डा ने कहा, ‘लोगों ने भ्रम फैलाने की कोशिश की कि संविधान खत्म हो जाएगा लेकिन संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का काम किसका है? कौन सी पार्टी है जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कह दिया था कि प्रधानमंत्री का चुनाव गलत है? उन्होंने यह भी कहा कि ये संविधान बदल देते हैं और इमरजेंसी लगा देते हैं संविधान के साथ प्रजातंत्र की भी हत्या करते हैं। 90 बार कांग्रेस पार्टी ने चुनी हुई सरकारों को गिराया है’। नड्डा ने अपने संबोधन में ये भी कहा कि देश का कोई ऐसा कोना नहीं है जहां बीजेपी की उपस्थित ना हो। बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं के दम पर यहां पहुंची है। कार्यकर्ता ही पार्टी के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
सीएम योगी ने सरकार की उपलब्धियां गिनाई –प्रतिबद्धता दोहराई
सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि हमने अपने कार्यकर्ताओं की मदद से यूपी को माफिया मुक्त किया है। प्रदेश में सुरक्षित माहौल है। हमने 500 साल बाद राम मंदिर का निर्माण किया। पहले मोहर्रम में ताजिया के नाम पर घरों को तोड़ा जाता था, लेकिन अब किसी की मनमानी नहीं चलती। हमने जाति और मजहब के नाम पर कोई भेदभाव नहीं किया। सीएम योगी ने जोड़ा कि अति आत्मविश्वास की वजह से कई बार चोट पहुंच जाती है पर कार्यकर्ताओं को बैकफुट पर रहने की कतई जरूरत नहीं है।
आगामी चुनौतियों के मुकाबले के लिए कार्यकर्ताओं से अपील की गई
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बैठक को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर तल्ख हमले करते हुए कहा कि सपा और कांग्रेस ने जनता को जाति और धर्म में फंसाकर गुमराह किया। अल्पसंख्यकों को नए एजेंडे में फंसाकर उनका वोट लिया। हमारे लिए चुनौती है कि हम उनको बेनकाब करें। हमें सर्वसमाज को लेकर आगे बढ़ना है। चौधरी ने ये भी कहा कि हम संकल्प लेते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में शत-प्रतिशत विजय हासिल करेंगे। अगली लड़ाई स्वार्थी परिवारवादी और मोदी के परिवार के बीच है। राष्ट्र विरोधी और राष्ट्र भक्तों के बीच है। धर्म और अधर्म में बीच में है। भ्रष्टाचारी और सदाचारी के बीच है। 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के पीएम मोदी के संकल्प को हम सब मिलकर पूरा करेंगे। 2027 विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत की सुनिश्चित करने के लिए अभी से कमर कस कर तैयार हो जाना है। जीत का संकल्प हमें लेना है। ब्रजेश पाठक ने कार्यकर्ताओं से जीतोड़ मेहनत की अपील की तो केशव प्रसाद मौर्य द्वारा मंत्रियों को नसीहत दी गई कि जनप्रतिनिधि कार्यकर्ताओं को सम्मान दें।
राजनीतिक प्रस्ताव में आरक्षण को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई
बैठक के दौरान राजनीतिक प्रस्ताव भी पेश किया गया। पार्टी के प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता की ओर से पेश किए गए इस प्रस्ताव में नरेन्द्र मोदी को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए जनता का आभार जताया गया। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि संविधान बदलने, आरक्षण खत्म करने और हर महिला को हर महीने 8500 रुपये देने के नाम पर जनता को ठगा गया है, इसलिए बीजेपी को चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिली। समाजवादी पार्टी पर प्रमोशन में आरक्षण को खत्म कराने का आरोप लगाते हुए जोड़ा गया कि बीजेपी पिछड़े और दलितों के आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
सपा को दी नसीहत तो अखिलेश यादव ने किया पलटवार
चुनावी शिकस्त की अहम वजहों की चर्चा सुनने को आतुर कार्यसमिति के सदस्यों को हैरानी जरूर हुई जब उनके नेता विपक्षी दलों की फिक्र करते नजर आए। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश भूपेन्द्र चौधरी ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को सलाह दे डाली, कहा, ‘मैं आपको सावधान कर रहा हूं। ये कांग्रेस भस्मासुर है और बहुत जल्दी आपको ठिकाने लगा देगी। कांग्रेस पार्टी की नजर आपके मुस्लिम वोट पर पड़ गई है”। हालांकि त्वरित गति से पलटवार करते हुए अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा- जिनका इतिहास धोखे का है, उनके मुंह से संबंधों के भविष्य की बात अच्छी नहीं लगती। 'नकारात्मक लोग नकारात्मक सोच है।
उपलब्धियों के गुणगान-नसीहतों की बौछार के बीच हार की असल वजहों पर चिंतन छूटा
इस बैठक के दौरान दिग्गज नेताओं ने कमोबेश वही बातें दोहराई जो बीजेपी का पदाधिकारी हर बैठक में सुनता आया है। उपलब्धियों का बखान करके अपनी पीठ थपथपा लेने का सिलसिला इस बहुप्रतीक्षित बैठक में भी नजर आया। बीजेपी के एक वयोवृद्ध समर्पित कार्यकर्ता के अनुसार चुनाव के बाद ये पार्टी की सबसे बड़ी बैठक थी। साढ़े तीन हजार पदाधिकारी-सदस्य दरअसल चुनाव में पार्टी के पिछड़ने की उन वजहों पर चर्चा की उम्मीद कर रहे थे जिन्हें उन्होंने शिद्दत के साथ ग्राउंड पर महसूस किया। पर बैठक में उपलब्धियों के बखान और आंकड़ों व शब्दों का चिरपरिचित लॉलीपॉप देकर कार्यकर्ताओं को भविष्य की चुनौतियों के लिए जुट जाने के लिए वापस भेज दिया गया।
कार्यकर्ताओं के जेहन को मथते अहम सवालों की चिंता पर चिंतन रह गया
जिस भ्रम-भितरघात ने बीजेपी को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया उस पर गोलमाल बातें की गईं या पल्ला झाड़ लिया गया। जाहिर है कई पहलुओं पर चर्चा के बावजूद तमाम मुद्दे अनछुए रह गए। पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं को बुरी तरह मथने वाले जो सवाल अनुत्तरित रह गए, उन्हें पांच बिंदुओं में समझते हैं,
बहरहाल, 2027 के विधानसभा चुनाव में तीसरी बार भाजपा को जिताने का भी संकल्प के साथ कार्यसमिति की बैठक संपन्न हो गई। समापन के बाद पदाधिकारियों व सदस्यों को आम के पैकेट देकर शायद संदेश दिया गया कि वीआईपी बनने के बजाए आम बनकर कार्यकर्ताओं के बीच रहें। खुद सीएम योगी कह चुके हैं कि जो आम होगा वही राजा बनेगा। पर सवाल उठता है कि पार्टी नेताओं ने अपने मन की बात तो पदाधिकारियों से कर दी पर कार्यकर्ताओं के मन की बात कब और कैसे होगी, उस पर अमल क्या संभव होगा, इसके जवाब शायद बैठक स्थल पर ही कहीं छूट गए।