ब्यूरो: उत्तर प्रदेश के हाथरस में नारायण साकार हरि के नाम से मशहूर स्वयंभू संत भोले बाबा के नेतृत्व में आयोजित धार्मिक समागम में मची भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि धार्मिक उपदेशक ने इस त्रासदी के बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है और घटना के बाद से उनका कोई पता नहीं चल पाया है।
'मुख्य सेवादार' कहे जाने वाले देवप्रकाश मधुकर और धार्मिक आयोजन के अन्य आयोजकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 105, 110, 126(2), 223 और 238 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
कौन है ‘भोले बाबा’
सरकारी सुत्रों के अनुसार बाबा नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ ने करीब दो दशक से अधिक समय पहले पुलिस की नौकरी छोड़कर आध्यात्म की ओर रुख किया था और अपने अनुयायियों की एक बड़ी तादाद खड़ी कर दी। अनुसूचित जाति (SC) के सूरजपाल ने करीब दो दशक पहले पुलिस की नौकरी छोड़कर आध्यात्म की ओर रुख किया और ‘भोले बाबा’ बनने के बाद उनके भक्तों की संख्या बढ़ने लगी।
बाबा को सबसे ज्यादा मानती हैं महिलाएं
बाबा के प्रभाव और अनुयायियों की अंदाजा सिर्फ इस बात से लगा लिजीए कि बीते मंगलवार की रात को उत्तर प्रदेश शासन की ओर से भगदड़ के जिन मृतकों की सूची जारी की गयी उनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एटा और हाथरस जिलों के अलावा आगरा,संभल,ललितपुर,अलीगढ़,बदायूं, कासगंज,मथुरा,औरैया, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बुलंदशहर, हरियाणा के फरीदाबाद और पलवल, मध्यप्रदेश के ग्वालियर, राजस्थान के डीग आदि जिलों से भी सत्संग में पहुंचे थे। खासतौर से बाबा के समागम में जाने वाली अधिकांश महिलाएं हीं हैं।
पुलिस ने तलाशी अभियान चलाया
रिपोर्ट के अनुसार, भोले बाबा हाथरस से सीधे मैनपुरी के राम कुटीर आश्रम आए थे। बताया गया है कि आश्रम के बाहर निजी सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। हालांकि, पुलिस ने राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में तलाशी अभियान चलाया और पुलिस उपाधीक्षक सुनील कुमार ने खुलासा किया कि बाबा जी परिसर के अंदर नहीं मिले। डिप्टी एसपी सुनील कुमार ने कहा, "हमें परिसर के अंदर बाबा जी नहीं मिले...वे यहां नहीं हैं..."
#WATCH | Uttar Pradesh: Visuals from Ram Kutir Charitable Trust in Mainpuri district. A search operation was underway for 'Bhole Baba', who conducted a Satsang in Hathras where a stampede took place yesterday claiming the lives of 116 people. pic.twitter.com/6J2tAHyxrF
— ANI (@ANI) July 3, 2024
आश्रम में बाहरी लोगों पर प्रतिबंध
रिपोर्ट के अनुसार, मैनपुरी स्थित राम कुटीर आश्रम में मीडिया कर्मियों और बाहरी लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक है। आश्रम पहुंचे भोले बाबा से किसी को मिलने की इजाजत नहीं है। बताया जा रहा है कि भोले बाबा सुबह 2 से 3 बजे के बीच आश्रम पहुंचे, लेकिन बाहर तैनात किसी भी सुरक्षाकर्मी ने उन्हें आश्रम से बाहर निकलते नहीं देखा।
लेकिन पुलिस ने ऐसी खबरों का खंडन किया है और कहा है कि किसी को भी नहीं रोका गया है। डिप्टी एसपी सुनील कुमार ने बताया, "आश्रम (राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट) में लोगों का आना-जाना लगा रहता है। किसी को रोका नहीं गया है..."
#WATCH | Mainpuri, UP | On Hathras stampede, Deputy SP Sunil Kumar says, "The public are coming and going into the ashram (Ram Kutir Charitable Trust). No one has been stopped..." pic.twitter.com/xgJ8w3oJ0t
— ANI (@ANI) July 3, 2024
बाबा पर कई आपराधिक मामले
स्वयंभू संत भोले बाबा जिन्हें नारायण साकार हरि के नाम से भी जाना जाता है, अपने भक्तों के सामने अपने बारे में कई दावे करते हैं। बाबा कासगंज के पटियाली गांव के रहने वाले हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस में 18 साल तक सेवा देने के बाद उन्होंने वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) ले ली। बाबा का दावा है कि वीआरएस लेने के बाद उन्हें भगवान के प्रत्यक्ष दर्शन हुए। साथ ही, उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर रहने के दौरान बाबा 28 साल पहले इटावा में तैनात थे।
सूत्रों से पता चलता है कि हाथरस में सत्संग करने वाले आरोपी बाबा पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। बताया जाता है कि यह सत्संग संत भोले बाबा ने ही कराया था। हाथरस-एटा सीमा के पास रतिभानपुर स्थित आश्रम में संत भोले बाबा के प्रवचन सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे थे।
खास बात यह है कि इंटरनेट के इस दौर में वे दूसरे साधु-संतों और कथावाचकों से अलग सोशल मीडिया से दूर रहते हैं। भोले बाबा का किसी भी प्लेटफॉर्म पर कोई आधिकारिक अकाउंट नहीं है। कथित भक्तों का दावा है कि नारायण साकार हरि यानी भोले बाबा के जमीनी स्तर पर काफी संख्या में अनुयायी हैं।