ब्यूरो: उत्तर प्रदेश में परीक्षाओं को पारदर्शी और शुचितापूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए योगी सरकार ने एक और अहम कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों और पेपर लीक की रोकथाम के लिए अध्यादेश को मंजूरी प्रदान की गई है। इस अध्यादेश के तहत उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सजा के कड़े प्राविधान सम्मिलित किए गए हैं, जिनमें 2 साल से लेकर आजीवन कारावास तक का दंड और एक करोड़ रुपए तक के जुर्माने को शामिल किया गया है। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार पहले भी पेपर लीक जैसे मामलों पर कड़े कदम उठा चुकी है और अब इस अध्यादेश को इसी क्रम में एक और बड़ा कदम माना जा रहा है।
CM Yogi Adityanath-led Uttar Pradesh government to bring Uttar Pradesh Public Examinations Ordinance 2024 in wake of paper leak of Constable Recruitment Exam and RO-ARO exam in the state. The proposal has been approved by the State Cabinet. The Ordinance will provide for life… pic.twitter.com/EBBz8UdLOQ
— ANI (@ANI) June 25, 2024
विभिन्न परीक्षाओं पर लागू होगा अध्यादेश
लोकभवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद वित्त एवं संसदीय मंत्री सुरेश खन्ना ने मंजूर किए गए प्रस्तावों के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट के समक्ष कुल 44 प्रस्ताव रखे गए थे, जिसमें 43 को कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान की है। अनुमोदित प्रस्तावों में सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों और पेपर लीक रोकथाम अध्यादेश 2024 भी शामिल रहा। वित्त मंत्री ने बताया कि पेपर लीक के संबंध में मंत्रिपरिषद के द्वारा अध्यादेश के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया है, जिसमें यदि कोई संस्था या उससे जुड़े लोग पकड़े जाएंगे तो उन्हें 2 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास की सजा और एक करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्राविधान किया गया है। उन्होंने बताया कि अध्यादेश के तहत लोकसेवा आयोग, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड, उत्तर प्रदेश बोर्ड, विश्वविद्यालय, प्राधिकरण या निकाय या उनके द्वारा नामित संस्था भी इसमें सम्मिलित हैं। यह अध्यादेश किसी प्रकार की भर्ती परीक्षाओं, नियमितीकरण या पदोन्नती करने वाली परीक्षाएं, डिग्री-डिप्लोमा, प्रमाण पत्रों या शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षाओं पर भी लागू होगा। इसके अंतर्गत फर्जी प्रश्नपत्र बांटना, फर्जी सेवायोजन वेबसाइट बनाना इत्यादि दंडनीय अपराध बनाए गए हैं। अधिनियम के प्राविधानों के उल्लंघन पर अध्यादेश के अंतर्गत दोषियों को 2 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा, जबकि एक करोड़ रुपए के जुर्माने का प्राविधान किया गया है।
सॉल्वर गिरोह से होगी नुकसान की भरपाई
उन्होंने बताया कि यदि परीक्षा प्रभावित होती है तो उस पर आने वाले वित्तीय भार को सॉल्वर गिरोह से वसूलने तथा परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली संस्था तथा सेवा प्रदाताओं को सदैव के लिए ब्लैक लिस्ट करने का भी प्राविधान किया गया है। अधिनियम में अपराध की दशा में संपत्ति की कुर्की भी प्राविधानित की गई है। इसके तहत समस्त अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय एवं अशमनीय बनाए गए हैं। जमानत के संबंध में भी कठोर प्राविधान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में विधानसभा का सत्र न होने के कारण बिल के स्थान पर अध्यादेश का प्रस्ताव किया गया है। मंत्रिपरिषद के द्वारा प्रस्ताव के अनुमोदन के बाद अध्यादेश की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा और इसके बाद इसे लागू किया जाएगा।
तीन विकास प्राधिकरणों का किया गया सीमा विस्तार
योगी सरकार ने वाराणसी, बरेली और मुरादाबाद विकासा प्राधिकरणों के विस्तार के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की है। इसके तहत इन विकास प्राधिकरणों में कई राजस्व गांवों को सम्मिलित किया गया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि तीन प्राधिकरणों के सीमा विस्तार का भी निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत वाराणसी विकास प्राधिकरण में 215 राजस्व गांव सम्मिलित किए गए हैं। वहीं बरेली विकास प्राधिकरण में भी 35 राजस्व गांव शामिल किए गए हैं। इसी तरह मुरादाबाद विकास प्राधिकरण में 71 राजस्व गांवों को सम्मिलित किया गया है।
निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शुचितापूर्ण तरीके से सम्पन्न हुई भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा नवचयनित आबकारी निरीक्षकों को नियुक्ति पत्र प्राप्त होने की हार्दिक बधाई एवं @UPGovt का हिस्सा बनने पर अभिनंदन।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 21, 2021
अयोध्या में 750 करोड़ रुपए से भारतीय मंदिर संग्रहालय बनाएगा टाटा संस
प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि अयोध्या में टाटा संस अपने सीएसआर फंड से भारतीय मंदिर संग्रहालय का निर्माण कराएगा। इस प्रस्ताव को भी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई। उन्होंने बताया कि इसके माध्यम से टाटा संस कुल 750 करोड़ रुपए खर्च करेगा। यह संग्रहाल विश्वस्तरीय होगा। उन्होंने बताया कि टाटा संस द्वारा एक प्रस्ताव भारत सरकार के माध्यम से प्राप्त हुआ था,जिसमें सीएसआर फंड से 650 करोड़ की लागत से वो एक विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहलाय बनाने का कार्य करेंगे। 650 करोड़ के साथ-साथ साइड के डेवलपमेंट में 100 करोड़ रुपए खर्च करेंगे। कुल मिलाकर 750 करोड़ रुपए से भारतीय मंदिर संग्रहालय के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है। इस मंदिर संग्रहालय के निर्माण का कार्य टाटा संस करेगा जबकि जमीन पर्यटन विभाग द्वारा एक रुपए की लीज पर उपलब्ध कराई जाएगी। यह लीज 90 90 वर्ष के लिए होगी।
मुख्यमंत्री टूरिज्म फेलोशिप कार्यक्रम को भी मिली मंजूरी
योगी कैबिनेट ने मुख्यमंत्री टूरिज्म फेलोशिप कार्यक्रम के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की है। इसके तहत पर्यटन विभाग शोधार्थियों का चयन करेगा जो प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ इस क्षेत्र में हो रहे निवेश को गति प्रदान करेंगे। साथ ही निवेशकों को आ रही समस्याओं को निस्तारित कराने में भी भूमिका निभाएंगे। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि ये शोधार्थी पर्यटन विभाग से जुड़ी योजनाओं के पर्यवेक्षण, अनुश्रवण एवं पारिस्थितिकीय स्थलों के सर्वागीण विकास, केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का मूल्यांकन, मेले व महोत्सव की योजनाओं को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे। यह शोधार्थी जिला पर्यटन और संस्कृति परिषद और विशेषकर पर्यटन निदेशालय के संरक्षण में अपना योगदान करके निवेशकों और पर्यटकों के अनुरूप माहौल बनाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगे। फिलहाल 25 शोधार्थियों का चयन किया जाएगा। इन्हें मानदेय के रूप में कुल 40 हजार रुपए प्रदान किए जाएंगे, जिसमें पारिश्रमिक के रूप में 30 हजार रुपए और क्षेत्र भ्रमण के लिए 10 हजार रुपए मिलेंगे। साथ ही उन्हें एक टैबलेट भी प्रदान किया जाएगा।