ब्यूरोः लखनऊ में 45 वर्षीय एचडीएफसी बैंक कर्मचारी की अपने कार्यालय में कुर्सी से गिरने के बाद मंगलवार को मौत हो गई। सूत्रों के अनुसार, उन्हें पास के अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि अत्यधिक काम के दबाव के कारण तनाव के कारण उनकी मौत हो गई।
Lucknow, UP | Additional Deputy VP of HDFC Bank in Vibhutikhand, Sadaf Fatima (45), dies under suspicious circumstances while working. The Panchnama of her body has been filled, and it has been sent for postmortem. The cause of death will be clear after the postmortem:…
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 25, 2024
पुणे ईवाई के एक कार्यकारी और चेन्नई में खुद को बिजली का झटका देने वाले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मौत पर मचे बवाल के बीच अगर यह सच पाया जाता है तो काम के दबाव के कारण यह तीसरी ऐसी घटना है। पीड़िता एचडीएफसी बैंक में अतिरिक्त उप-उपाध्यक्ष के पद पर कार्यरत थी। वह लखनऊ के गोमती नगर की विभूति खंड शाखा में तैनात थी। मौत के कारणों की जांच के लिए उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
लखनऊ में काम के दबाव और तनाव के कारण एचडीएफ़सी की एक महिलाकर्मी की ऑफिस में ही, कुर्सी से गिरकर, मृत्यु का समाचार बेहद चिंतनीय है।ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक हैं। इस संदर्भ में सभी कंपनियों और सरकारी विभागों तक को गंभीरता से सोचना होगा। ये देश के… pic.twitter.com/Xj49E01MSs
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 24, 2024
अखिलेश ने काम के दबाव के कारण बढ़ती दुखद घटनाओं पर जताई चिंता
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करके काम के अत्यधिक दबाव के कारण बढ़ती दुखद घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि लखनऊ में काम के दबाव और तनाव के कारण एचडीएफसी की एक महिलाकर्मी की ऑफिस में ही कुर्सी से गिरकर मृत्यु का समाचार बेहद चिंतनीय है।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक हैं। इस संदर्भ में सभी कंपनियों और सरकारी विभागों तक को गंभीरता से सोचना होगा। ये देश के मानव संसाधन की अपूरणीय हानि है। ऐसे आकस्मिक निधन काम के हालातों को सवालों के घेरे में ले आते हैं। किसी भी देश की असली तरक़्क़ी का पैमाना सेवा या उत्पाद के आँकड़े का बढ़ना नहीं होता बल्कि ये होता है कि व्यक्ति मानसिक रूप से कितना स्वतंत्र, स्वस्थ व प्रसन्न है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार की नाकाम आर्थिक नीतियों के कारण कंपनियों का काम-कारोबार इतना घट गया है कि अपने व्यापार-व्यवसाय को बचाने के लिए वो कम लोगों से कई गुना काम करवाती हैं। ऐसी आकस्मिक मृत्यु के लिए जितनी भाजपा सरकार ज़िम्मेदार है उतने ही जनमानस को मानसिक रूप से हतोत्साहित करनेवाले भाजपाइयों के बयान भी। इस समस्या से उबरने के लिए कंपनियों और सरकारी विभागों को ‘तत्काल सुधार’ के लिए सक्रिय और सार्थक प्रयास करने चाहिए।