Friday 20th of September 2024

पंकज महिंद्रा किडनैपिंग केस: कौन है माफिया सरगना बबलू श्रीवास्तव, क्यों हमेशा चर्चा में रहता है यह नाम

Reported by: Gyanendra Shukla  |  Edited by: Rahul Rana  |  July 07th 2024 03:59 PM  |  Updated: July 07th 2024 03:59 PM

पंकज महिंद्रा किडनैपिंग केस: कौन है माफिया सरगना बबलू श्रीवास्तव, क्यों हमेशा चर्चा में रहता है यह नाम

 Gyanendra Shukla, Editor, UP: कारोबारी के फिरौती की संगीन वारदात में माफिया सरगना बबलू श्रीवास्तव उसके भांजे संकल्प को दोषमुक्त करार देते हुए आठ आरोपियों को प्रयागराज की जिला अदालत ने कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। गौरतलब है कि बीते 29 वर्षों से जेल की सलाखों के पीछे कैद ये डॉन प्रयागराज में कस्टम अफसर एलडी अरोड़ा हत्याकांड में उम्रकैद की सजा भुगत रहा है। भले ही ताजा अदालती फैसले के बाद भी इस डॉन की रिहाई अभी मुमकिन न हो पर एक बड़ी कानूनी मुश्किल से निजात पाने में इसे कामयाबी हासिल जरूर हो गई है। 

क्या थी अपहरण की ये चौंकाने वाली वारदात

आज से कोई नौ साल पहले 5 सितंबर 2015 की रात प्रयागराज के सर्राफा कारोबारी पंकज महिन्द्रा जवाहर स्क्वायर कोतवाली क्षेत्र में स्थित ज्वेलरी की दुकान बंद करके कार से घर के लिए निकले पर पहुंच नहीं सके। दरअसल, पंकज को कार समेत अगवा कर लिया गया था। बाद में पंकज महिंद्रा की कार संगम स्थित बंधवा में लेटे हनुमान मंदिर के पास लावारिस हालात में मिली। कारोबारी की रिहाई के एवज में अपहरणकर्ताओं ने उनके परिजनों से दस करोड़ की फिरौती मांगी। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। यूपी एसटीएफ को भी इस केस में जुटा दिया गया। पुलिस टीमों ने मुखबिर से सूचना मिलने के बाद फतेहपुर जिले के असोधर थाने के सरकंडी गांव में छापा मारा। यहां विनीत परिहार के फार्म हाउस में पंकज महिंद्रा रस्सियों से जकड़े मिले। मौके से पुलिस ने विकल्प श्रीवास्तव उर्फ गोलू को, गोरखपुर निवासी महेंद्र यादव, सच्चिदानंद यादव उर्फ संचिता, बरेठी थरवई निवासी चंद्रमोहन उर्फ बबलू यादव को दबोच लिया। इन अपहरणकर्ताओं के पास से नौ एमएम व 32 बोर की दो पिस्टल, 315 बोर का तमंचा, अल्टो कार, लैपटॉप, मोबाइल, फर्जी सिम कार्ड बरामद हुए थे। पूछताछ के दौरान इन्होंने कबूला कि जेल में बंद माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव के कहने पर इस वारदात को अंजाम दिया गया था। पुलिस के मुताबिक बबलू के भांजे संकल्प श्रीवास्तव ने बबलू के कहने पर अपहरण की साजिश रची थी।

विवेचना के दौरान पुलिस ने डॉन बबलू समेत दस आरोपी बनाए थे

इस अपहरण के मामले में प्रयागराज शहर कोतवाली में 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। बबलू श्रीवास्तव पर आरोप लगे कि जेल में रहते हुए उसने अपहरण की साजिश रची, अपहरण का जिम्मा अपने करीबी रिश्तेदार व उसके गुर्गों को दिया। इस केस में 21 लोगों के बयान दर्ज किए गए। इस मामले में 30 सितंबर 2023 को अभियोजन की गवाही पूरी हो गई। इसके बाद 16 अक्तूबर 2023 को माफिया बबलू श्रीवास्तव  को बरेली सेंट्रल जेल से अदालत में पेश होने के लिए पहली बार प्रयागराज लाया गया। इस माफिया ने अपनी जान के खतरे की आशंका जाहिर करते हुए अदालती कार्यवाहियों में वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट मे पेशी की अपील की थी। पर कारोबारी पंकज महिन्द्रा अपहरण केस में अदालत के सख्त रुख के  बाद डॉन बबलू को बुलेट प्रूफ जैकेट पहनाकर बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था। अदालत में पेश हुए माफिया बबलू सहित  10 सह अभियुक्तों ने 313 सीआरपीसी का बयान दर्ज करवाया। माफिया समेत सभी मुल्जिमों ने खुद को बेगुनाह बताया था। सुनवाई पूरी होने पर अदालत ने इसी साल  27 अप्रैल को अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था। जिसे शुक्रवार को सुनाया गया। फैसला सुनाने के दौरान नौ आरोपी अदालत में मौजूद थे जबकि बबलू श्रीवास्तव बरेली जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़ा था। अदालत ने बबलू और उसके भांजे संकल्प को बरी कर दिया। जबकि विकल्प, सचिन, महेंद्र, सच्चिदानंद, राकेश, अभिषेक, चंद्रमोहन और विनीत परिहार को धारा 365/34 के तहत दोषी करार देते हुए पांच-पांच वर्ष के कारावास और दस-दस हज़ार का अर्थदंड दिया ।वहीं, धारा 392/34 के तहत दोषियों को छह-छह वर्ष की सजा सुनाई है ।

कौन है माफिया सरगना बबलू श्रीवास्तव

कभी गाजीपुर जिले से निकलकर लखनऊ विश्वविद्यालय में एडमिशन लेकर आईएएस बनने की तैयारी करने निकला बबलू श्रीवास्तव गलत संगत में फंसा तो जुर्म के दलदल में धंसता गया। अस्सी व नब्बे के दशक में जरायम की दुनिया में अपने कारनामों की वजह से माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव खासा चर्चित रहा। बाद मे मुंबई पहुंच गया। दाऊद इब्राहिम का बगलगीर हो गया। फिर देश के बाहर चला गया।  बबलू श्रीवास्तव को 21 अप्रैल 1995 को सीबीआई की टीम सिंगापुर से गिरफ्तार करके भारत लाई थी। गिरफ्तारी के बाद बबलू कुछ समय तक तिहाड़ जेल में बंद रहा। फिर वहां से कानपुर जेल में भेजा गया, जहां से उसे नैनी जेल लाया गया। साल 1999 में बबलू को बरेली सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया। दरअसल, बबलू के खिलाफ कुल चार बड़े मामले थे. जिनमें से तीन में वो बरी हो गया। जबकि कस्टम अफसर एलडी अरोड़ा हत्याकांड में उसे उम्रकैद की सजा हो गई। पिछले 25 साल से बबलू बरेली जेल में सलाखों के पीछे उम्रकैद की सजा काट रहा है। 

 प्रयागराज जिला अदालत के शासकीय अधिवक्ता गुलाब अग्रहरि के मुताबिक इस केस में दोषी करार दिए गए आठ लोगों को दस वर्ष के कारावास की सजा और आर्थिक दंड सुनाया गया है। जबकि बबलू श्रीवास्तव और उसके भांजे को बरी कर दिया गया है। तकरीबन नौ साल पुराने पकंज महिन्द्रा अपहरण केस में आए अदालती फैसले के बाद जहां आठ अपहरणकर्ताओं को उनकी करतूत का फल मिल गया है, हालांकि इस मामले में माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव के कानून के शिकंजे से बच निकलने से पीड़ित परिवार असहज है आहत है। 

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