ब्यूरोः योगी सरकार एक तरफ जहां भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों और अधिकारियों पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत नकेल कस रही है तो वहीं मेहनती और ईमानदार कर्मचारियों को पुरस्कृत भी कर रही है। ताजा मामला गाजियाबाद का है, जहां नगरीय परिवहन के तहत संचालित सिटी इलेक्ट्रिक बस के ड्राइवर और कंडक्टर को उनकी ईमानदारी के लिए विभाग की संस्तुति पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके माध्यम से विभाग के अन्य कर्मचारियों को भी ईमानदारी के साथ कर्तव्यों के निर्वहन के लिए प्रेरित किया जाएगा।
चालक एवं परिचालक ने दिया ईमानदारी का परिचय
दरअसल, बुधवार को गाजियाबाद सिटी ट्रांस लि. के तहत बहरामपुर डिपो की बस संख्या यूपी 14 केटी 6554 जोकि लोनी रूट पर थी पर अज्ञात महिला यात्री का पर्स छूट गया था। परिचालक सतेंद्र (आईडी 231) एवं चालक आसिफ को यह पर्स मिला, जिस पर दोनों ने ईमानदारी का परिचय देते हुए प्राप्त हुए पर्स को गाजियाबाद सिटी ट्रांस.लि. के बहरामपुर बस डिपो में लाकर जमा कराया गया। पर्स में 6000 रुपए नगद एवं अन्य जरूरी समान था। संबंधित महिला यात्री के परिजनों द्वारा पर्स पर दावा करने पर जांच किए जाने के उपरांत संबंधित दावेदारों को पर्स दे दिया गया। साथ ही दोनों कर्मचारियों की ईमानदारी से अन्य कर्मचारियों को भी ईमानदारी के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से संबंधित परिचालक सतेंद्र एवं चालक आसिफ को प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की गई है।
कमांड सेंटर से की जा रही नियमित मॉनिटरिंग
डिपो की प्रबंधक संचालन ज्योति सक्सेना ने बताया कि कर्मचारियों में नैतिक कार्य संस्कृति को विकसित करने के उद्देश्य से नियमित परिचालकों की काउंसलिंग कमांड सेंटर से की जा रही है। उन्हें अपने रोजमर्रा के कार्यों में नैतिकता और पारदर्शिता के प्रति प्रेरित किया जा रहा है। नियमित निगरानी से प्रभावित परिचालकों द्वारा निष्ठा एवम ईमानदारी का निरंतर प्रदर्शन भी किया जा रहा है। इसी क्रम में ये घटना एक मिसाल है। इसको प्रोत्साहित करने के लिए गुरुवार को हम दोनों कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर रहे हैं, ताकि डिपो एवं विभाग के अन्य कर्मचारी भी इनसे प्रेरित हों सकें।