ब्यूरो: पूरे देश में पेपर लीक का मुद्दा गरमाया हुआ है। यूपी सरकार भी पेपर लीक के मुद्दे पर लागातार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है। इस बीच पेपर लीक और भर्ती घोटाले में लखनऊ की गैंगस्टर कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक बेदी राम और निषाद पार्टी के विधायक विपुल दूबे समेत 18 आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। बेदी राम उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की जखनिया और विपुल दुबे भदोही ज्ञानपुर सीट से विधायक हैं।
क्या है पूरा मामला
यह पूरा मामला 2006 में रेलवे की ग्रुप डी एग्जाम के पेपर लीक से जुड़ा है। एसटीएफ ने इस मामले में फरवरी 2006 में बेदी राम और विपुल दुबे को गेंगस्टर एक्ट के तहत अरेस्ट किया था। एसटीएफ ने दावा किया था कि आरोपियों के पास से रेलवे भर्ती ग्रुप डी एग्जाम का पेपर बरामद हुआ था। जांच के बाद पुलिस ने चार्जशीट भी दाखिल की थी। फरवरी 2022 विधानसभा चुनाव लड़ने के दौरान बेदी राम की ओर से दायर शपथ पत्र से पता चला था कि बेदी राम पर कुल 9 मुकदमें दर्ज हैं। इन 9 केस में 8 केस पेपर लीक से जुड़े हैं।
26 जुलाई को कोर्ट में पेशी
गैर जमानती वारंट जारी करने से पहले गैंगस्टर कोर्ट ने विधायक बेदी राम समेत कई आरोपियों के माफी पत्र को खारिज कर दिया था। जिसके बाद सभी आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया है। लखनऊ की गैंगस्टर कोर्ट ने 26 जुलाई को कृष्णा नगर के इंस्पेक्टर को सभी आरोपियों की उपस्थित सुनिश्चित कराने का आदेश दिया है।